एक अचम्भा प्रेम

एक अचम्भा प्रेम

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🌸 एक अचम्भा प्रेम🌸

उन दिनों कॉलेज की लड़कियों के बीच एक अजीब-सा जुनून था। नुक्कड़ पर बने उस एयर कंडीशंड बाज़ार में शिवशंकर की दुकान ही आकर्षण का केन्द्र बन चुकी थी।

कभी कोई कहती— “मुझे अपना स्कार्फ़ बदलवाना है।”
तो कोई बहाना बनाती— “अरे, शिव भाई से पूछना है कि यह कपड़ा कहाँ मिलेगा।तो कोई बस देखती कि “शिव भाई” से बातें कैसे हों ।”

मज़े की बात ये थी कि बहाना चाहे जैसा भी हो, मंज़िल हमेशा शिव की दुकान ही होती थी।

अब सवाल यह था कि आखिर इस शिव में ऐसा क्या था? क्या वह बहुत सुंदर था? नहीं…
क्या वह अमीर था? नहीं…

दरअसल, शिव की खूबसूरती उसकी सादगी और सच्चाई में थी।शिव में ऐसा कुछ था जो शब्दों में बयान करना मुश्किल था। वो कोई फिल्मी हीरो नहीं था, न ही अमीरजादों जैसा ठाठ। लेकिन उसकी आँखों की चमक, नम्रता और मासूम मुस्कान ने सबको दीवाना बना दिया था। गेहुँआ रंग, पाँच फुट नौ इंच की साधारण-सी लंबाई, साधारण कद-काठी… लेकिन उसकी आँखों में एक ऐसी चमक थी जो दिल को छू जाती थी। वह बड़े प्यार से ग्राहकों से बात करता, किसी की पसंद-नापसंद ध्यान से सुनता, और सबसे बढ़कर—उसकी मुस्कान। वो मुस्कान हर लड़की को यह एहसास दिलाती थी कि “तुम खास हो।”

मैं भी उन्हीं लड़कियों की भीड़ का हिस्सा थी, जो अक्सर कोई-न-कोई बहाना बनाकर उसकी दुकान तक पहुँच जाती थीं। लेकिन फर्क इतना था कि मैं सिर्फ बहाना नहीं ढूँढती थी, मेरे दिल में धीरे-धीरे एक बीज अंकुरित हो चुका था। पहला क्रश… पहला प्रेम।

और मैं… मैं तो उसे देखकर अपना दिल हार चुकी थी। उससे बात करने में मेरे गाल लाल हो जाते थे, और जब उसकी आँखें मेरी आँखों से मिलतीं तो लगता—यही है मेरी दुनिया। जब भी मैं शिव से मिलती, मेरी धड़कनें तेज़ हो जातीं। मैं अपने दिल की बात कह नहीं पाती, बस चुपचाप उसकी मुस्कान देखकर लौट आती।

लेकिन एक दिन खबर आई कि शिव की शादी तय हो गई है। यह सुनते ही मेरे अंदर जैसे सब कुछ टूट गया। दोस्तों ने मुझे समझाया— “अरे, तू पागल है क्या? हम सबको वो अच्छा लगता है, तू दिल पर क्यों ले रही है?”

लेकिन मैं समझती थी, ये सबके लिए बस आकर्षण था… और मेरे लिए सच्चा प्रेम। मैंने उस दिन ठान लिया कि अब मैं सिर्फ सपने नहीं देखूँगी, बल्कि अपनी जिंदगी को नए ढंग से जिऊँगी।

उस रात मैं बहुत रोई। लेकिन उसी आँसू ने मुझे बदल दिया। मैंने ठान लिया कि मैं अपने सपनों को पंख दूँगी, अपनी मेहनत से पहचान बनाऊँगी। पढ़ाई पूरी करके मैंने नौकरी शुरू की। शिव की यादें दिल के किसी कोने में धुँधली पर स्थिर रहीं। मैंने अपने करियर में नाम कमाया, नए शहर गई, लोगों से मिली, पर दिल की गहराई में कहीं वह दुकान, वह मुस्कान, वह साधारण-सा लड़का बसा हुआ था।

सालों बाद एक बिज़नेस कॉन्फ्रेंस में अचानक मेरी नज़र एक चेहरे पर पड़ी। हाँ… वो शिव था।

अब वह पहले वाला साधारण दुकानदार नहीं था। वह एक सफल बिज़नेसमैन बन चुका था, आत्मविश्वास से भरा, लेकिन अब भी वही मासूम मुस्कान लिए हुए।

हम मिले। औपचारिक बातें शुरू हुईं और धीरे-धीरे अनौपचारिक हो गईं। पता चला—उसकी शादी कभी हुई ही नहीं।

मैंने हैरानी से पूछा— “पर सब कहते थे तुम्हारी शादी हो गई…”
वह मुस्कुराया, “हुई होती… अगर उस दिन मैंने हाँ कर दी होती। लेकिन दिल ने कभी मंज़ूर नहीं किया। शायद इसलिए कि वो जगह पहले से भरी हुई थी।”

मैंने धीरे से पूछा— “किससे?”
वह मेरी आँखों में झाँकते हुए बोला— “तुमसे।”

मेरे दिल की धड़कनें थम सी गईं। हमने मिलने-जुलने का सिलसिला शुरू किया। लेकिन इस बार किस्मत ने एक और परीक्षा रखी थी।

शिव का परिवार अब चाहता था कि वह एक पॉलिटिकल एलायंस वाली शादी करे, जिससे उनका बिज़नेस और राजनीति दोनों मजबूत हों।
वो रिश्ता उसके परिवार के लिए बेहद महत्वपूर्ण था। शिव ने मुझसे कहा— “अगर मैं हाँ कह दूँ तो सब आसान हो जाएगा, लेकिन दिल मान नहीं रहा। अगर तुम्हारे दिल में अब भी मेरे लिए कुछ है… तो मुझे हिम्मत मिले।”

मेरी आँखों में आँसू थे। मैंने कहा— “इस बार चुप रहकर हम गलती नहीं करेंगे।”

शिव ने अपने परिवार के सामने खड़े होकर पहली बार अपनी ज़िंदगी का सबसे बड़ा निर्णय लिया। उसने सबको साफ कहा— “मैं वही शादी करूँगा जहाँ दिल से रिश्ता हो। बिज़नेस और राजनीति बाद में संभाल लूँगा।”

पहले विरोध हुआ, बहुत हंगामा मचा। पर जब उसका परिवार समझा कि शिव का संकल्प अडिग है, तो उन्होंने हार मान ली। कुछ महीनों बाद, उसी शहर में जहाँ कभी हम कॉलेज के दिनों में एक-दूसरे को बस चुपचाप निहारा करते थे, आज हम दोनों एक-दूसरे के जीवनसाथी बनकर खड़े थे।

शिव ने शादी के दिन मेरे कान में धीरे से कहा— “देखा? उस दिन की मुस्कान आज तक संभालकर रखी थी, ताकि आज तुम्हें दे सकूँ।”

मैंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया— “और मैंने उस दिन के आँसू संभाल रखे थे… ताकि अब कभी ना बहें।”

शिक्षा

👉 सच्चा प्रेम वक़्त और दूरियों से हार नहीं मानता।
👉 अगर आप चुप रहते हैं, तो किस्मत कई बार आपको दूसरा मौका देती है — लेकिन इस बार आवाज़ बुलंद करनी पड़ती है।
👉 रिश्तों में साहस सबसे बड़ी कुंजी है।