कहानी का शीर्षक: “राखी का धागा”
✍ Daya Shankar
सुनहरी धूप का साया था, जब पायल ने अपने कमरे की खिड़की से बाहर झाँकते हुए देखा। आसमान में सफेद बादल छाए हुए थे और हल्की-हल्की हवा चल रही थी। आज रक्षाबंधन का दिन था, और पायल के चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान बिखर गई।
पायल, एक सुंदर और समझदार लड़की थी, जिसे अपने भाई अर्जुन से बेहद प्यार था। दोनों का रिश्ता बचपन से ही बहुत गहरा था। पायल अपने भाई अर्जुन को हमेशा से अपने दिल की बात बताती थी और अर्जुन भी अपनी बहन के हर सुख-दुःख का साथी था।
आज पायल ने एक खूबसूरत सी राखी तैयार की थी। उसने गुलाबी रंग के धागे पर छोटे-छोटे मोती और सितारे सजाए थे। इस राखी में उसने अपने दिल की सारी भावनाएं पिरो दी थीं। वह जानती थी कि अर्जुन उसके लिए दुनिया का सबसे प्यारा भाई है।
दूसरी ओर, अर्जुन भी अपनी बहन के लिए एक खास तोहफा लेने गया था। उसे पता था कि पायल को किताबें बहुत पसंद हैं, इसलिए उसने पायल के लिए एक दुर्लभ किताब खरीदी थी, जिसे पायल कई दिनों से खोज रही थी।
जब पायल ने अर्जुन को घर आते देखा, तो वह दौड़ती हुई उसके पास आई और बोली, “भैया, आप जानते हो न कि आज का दिन कितना खास है?” अर्जुन ने मुस्कुराते हुए कहा, “हाँ पायल, आज का दिन खास है क्योंकि आज मुझे फिर से अपनी प्यारी बहन से राखी बंधवाने का मौका मिलेगा।”
दोनों भाई-बहन ने पूजा की थाली तैयार की। थाली में एक दिया, चावल, कुमकुम, और मिठाई रखी गई। पायल ने अर्जुन की कलाई पर राखी बांधते हुए कहा, “भैया, यह राखी हमारे रिश्ते की मजबूती का प्रतीक है। इसे बांधते वक्त मैं यही प्रार्थना करती हूँ कि हमारा रिश्ता हमेशा अटूट रहे।”
अर्जुन ने पायल को मिठाई खिलाई और अपने गले से लगाकर कहा, “पायल, मैं वादा करता हूँ कि मैं हमेशा तुम्हारा साथ दूंगा, चाहे कैसी भी परिस्थिति हो। तुम मेरी दुनिया हो, और मैं तुम्हारी हर खुशी का ख्याल रखूंगा।”
इसके बाद अर्जुन ने पायल को वह किताब दी, जिसे देखकर पायल की आँखों में खुशी के आँसू आ गए। “भैया, आपने मेरी पसंद की किताब लाकर मेरे दिल की बात समझ ली,” पायल ने कहा। अर्जुन ने जवाब दिया, “तुम्हारी खुशी में ही मेरी खुशी है, पायल।”
संध्या को जब दोनों माता-पिता के साथ बैठे, तो उनकी माँ ने कहा, “आज के दिन भाई-बहन का रिश्ता और भी मजबूत हो जाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि चाहे जैसे भी हालात हों, भाई-बहन का रिश्ता हमेशा कायम रहता है।”
पायल और अर्जुन ने एक-दूसरे की आँखों में देखा और मुस्कुराए। उस मुस्कान में प्यार, समझ और एक-दूसरे के लिए सम्मान झलक रहा था।
इस रक्षाबंधन पर, पायल और अर्जुन ने एक-दूसरे से वादा किया कि वे हमेशा एक-दूसरे का ख्याल रखेंगे और उनके बीच का यह अटूट रिश्ता हमेशा इसी तरह मजबूत रहेगा, जैसे कि राखी का धागा, जो उन्हें हमेशा बांधे रखेगा।
पायल ने अर्जुन के कंधे पर सिर रखकर धीरे से कहा, “भैया, राखी का ये धागा कभी टूटने मत देना।” अर्जुन ने मुस्कराते हुए जवाब दिया, “नहीं पायल, ये धागा कभी नहीं टूटेगा, जैसे हमारा रिश्ता।” और इस तरह, रक्षाबंधन का यह पावन दिन, पायल और अर्जुन के बीच के अटूट रिश्ते को और भी गहरा और मजबूत बना गया।
…THE END…
कहानी का शीर्षक: “प्रेरणा की राखी”
शाम के समय हल्की ठंडी हवा चल रही थी, जब राधा अपने कमरे में बैठी थी। उसकी आँखों में चिंता की लकीरें थीं। कुछ ही दिनों बाद रक्षाबंधन आने वाला था, लेकिन उसका छोटा भाई, रोहन, एक बड़ी मुश्किल में था। रोहन, जो हमेशा हँसमुख और खुशमिजाज रहता था, इन दिनों उदास और चिंतित था।
राधा ने कई बार उससे बात करने की कोशिश की, लेकिन रोहन ने हमेशा बात टाल दी। वह जानती थी कि कुछ ऐसा है जो रोहन को परेशान कर रहा है, और उसने ठान लिया कि इस रक्षाबंधन पर वह न सिर्फ अपने भाई को राखी बाँधेगी, बल्कि उसकी परेशानी को भी दूर करेगी।
रक्षाबंधन के दिन, राधा ने सुबह-सुबह उठकर पूजा की तैयारी की। उसने भगवान से प्रार्थना की कि उसे अपने भाई की मदद करने की शक्ति मिले। थोड़ी देर बाद, रोहन कमरे में आया। उसने अपनी बहन की आँखों में देखा और कहा, “दीदी, क्या हम थोड़ी देर के लिए बाहर चल सकते हैं?”
राधा ने हामी भरी और दोनों भाई-बहन पार्क की ओर चल दिए। पार्क में पहुँचते ही, रोहन ने गहरी सांस लेते हुए कहा, “दीदी, मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ।” राधा ने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा, “रोहन, तुम मुझसे कुछ भी कह सकते हो। मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ।”
रोहन ने धीमी आवाज़ में कहा, “दीदी, मैं बहुत डरा हुआ हूँ। कॉलेज में मेरे ऊपर एक प्रोजेक्ट का बहुत बड़ा दबाव है। मुझे लगता है कि मैं इसे नहीं कर पाऊँगा और मैं फेल हो जाऊँगा। इस डर से मैं रात को ठीक से सो भी नहीं पा रहा हूँ।”
राधा ने रोहन की बात ध्यान से सुनी। उसने रोहन को गले लगाया और कहा, “रोहन, जिंदगी में कई बार हमें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। लेकिन याद रखना, हर मुश्किल का हल होता है, और तुम कभी अकेले नहीं हो। मैं तुम्हारे साथ हूँ, और हम मिलकर इस समस्या का हल निकालेंगे।”
फिर राधा ने उसकी कलाई पर राखी बाँधते हुए कहा, “इस राखी का मतलब केवल तुम्हारी रक्षा करना नहीं है, बल्कि तुम्हें प्रेरित करना भी है। इस धागे को देखकर याद रखना कि तुममें ताकत है, और मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ।”
रोहन ने आँखों में आँसू भरकर कहा, “दीदी, तुमने मेरे डर को दूर कर दिया। मैं अब और नहीं डरूंगा। मैं इस प्रोजेक्ट को पूरा करूंगा और तुम्हें गर्व महसूस कराऊंगा।” राधा ने मुस्कुराते हुए कहा, “यह हुई न बात। यह वही रोहन है जिसे मैं जानती हूँ—साहसी और मेहनती।”
उस दिन के बाद, रोहन ने दिल लगाकर प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया। राधा ने भी उसकी मदद की, उसे प्रोत्साहित किया और हर कदम पर उसका साथ दिया। कुछ ही हफ्तों में रोहन ने प्रोजेक्ट पूरा कर लिया, और कॉलेज में उसे इसके लिए सम्मानित भी किया गया।
रक्षाबंधन के उस दिन ने रोहन को न सिर्फ प्रोत्साहन दिया, बल्कि उसे सिखाया कि भाई-बहन का रिश्ता केवल रक्षा करने का नहीं, बल्कि एक-दूसरे को मजबूत बनाने का भी होता है।
इस तरह, राधा और रोहन ने अपने रिश्ते को एक नए आयाम तक पहुँचाया, जहाँ प्यार, विश्वास, और प्रेरणा ने उनके रिश्ते को और भी अटूट बना दिया। और रोहन, हर बार अपनी कलाई पर बंधी राखी को देखकर यही सोचता था कि यह सिर्फ एक धागा नहीं, बल्कि उसकी प्रेरणा की सबसे बड़ी ताकत है।
…THE END…
“Some relationships are like Tom and Jerry: They tease each other, knock down each other, irritate each other, but can’t live without each other!” – Unknown
“There’s no bond more special in the world than siblings’ bond. So, remember, you are the most important person to me.”
-Unknown
HAPPY RAKSHABANDHAN TO ALL OF YOU FRIENDS.